इमो कम्युनिटी जिन्हें कुछ नौजवानों ने मिलकर स्थापित किया है, यह कम्युनिटी बहुत तेज़ी से विस्तारित हो रही है और देश के विकास तथा समाज को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की दिशा में बहुत ही सुदृढ़ रूप से अग्रसर है। यह प्रेस वक्तव्य जारी करते हुए इमो कम्युनिटी को सही दिशा में ले जा रहे इमो डाओ के इंडिया सेल्स हैड 23 वर्षीय बहु प्रतिभाशाली और उभरते प्रेरक वक्ता, दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातक और युवा उद्यमी हर्षित जुनेजा ने इमो कम्युनिटी द्वारा की जा रही कल्याणकारी सामाजिक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इमो कम्युनिटी का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक दृष्टिकोण नहीं है अपितु देश के नौजवानों में समाज कल्याण के प्रति जज्बा पैदा करना है जो किसी भी रूप में हो सकता है। उनके अनुसार किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पहली सीढ़ी से ही चढ़ना पड़ता है। हर्षित ने बताया कि हमारे देश के युवाओं से ही देश को उम्मीदें हैं। जब तक हमारा युवा समाज से नहीं जुड़ेगा तब तक वह देश की सामाजिक स्थिति से परिचित नहीं हो पाएगा और इस दिशा में कोई कल्याणकारी कदम उठाने की विचारधारा पैदा नहीं कर पाएगा।
सचिन शर्मा एवं इमो दाओ के सेल्स हेड हर्षित जुनेजा ने इमो कम्युनिटी युवा साथियों शुभम शर्मा, आकाश झा, गणेश मेहता, साहिल, केशव, रविन्दर, सरबजीत सिंह तथा अन्य लगभग 50 इमोइयन्स के साथ मिलकर दिल्ली की 45 डिग्री की भयंकर गर्मी में लोगों को लू के थपेड़ों से राहत पहुंचाने के लिए उत्तरी दिल्ली तथा दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में मीठे जल की व्यवस्था की। आग उगलती गर्मी में आयोजित इस अवसर पर सभी का उत्साह देखते ही बनता था। क्षेत्रीय निवासियों ने इमो कम्युनिटी के इस सामाजिक कार्य की खुले दिल से प्रशंसा की। इस पर हर्षित ने क्षेत्र के जिम्मेदार व्यक्तियों को इस प्रकार के आयोजन करने की सलाह दी तथा आवश्यक होने पर सम्पर्क करने का न्यौता भी दिया। यह एक प्रकार से सामाजिक जागृति लाने वाला कदम है।
हर्षित जुनेजा और इनकी मुख्य प्रतिभाशाली टीम के सदस्यों शुभम शर्मा, आकाश झा और सरबजीत सिंह जैसे युवाओं ने देश के अन्य युवाओं को प्रभावित किया है।
हर्षित ने यह भी कहा कि हमारे लिए यह तुच्छ और नगण्य कार्य है जिसका प्रचार करके हम किसी प्रकार का डंका नहीं पीट रहे और न ही हमें कोई नाम कमाने की लालसा है। पर इसके बारे में प्रचार करने की पीछे हमारा उद्देश्य केवल यही है कि अन्य लोग भी ऐसे आयोजनों से प्रेरित होकर समाज कल्याण की दिशा में अपना योगदान दे सकें। बकौल हर्षित ‘जंगल में मोर नाचा किसने देखा’। लोगों को हर दिशा में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्यरत हर्षित ने बताया कि इमो कम्युनिटी तेरा-तेरा लंगर सेवा (ईएसआई अस्पताल दिल्ली) से भी सक्रिय रूप से जुड़ी है और प्रत्येक मंगलवार को अपनी सेवाएं प्रदान करती है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित है कि किसी भी सामुदायिक या सामाजिक गतिविधि से जुड़ने के बाद जो आत्मसंतोष मिलता है उसका कोई मुकाबला नहीं है। इमो कोर मैनेजमेंट और विशेषकर सचिन शर्मा के मार्गदर्शन में प्रशिक्षित हुए हर्षित जुनेजा आज इमो कम्युनिटी के सेल्स हेड के रूप में युवाओं का नेतृत्व कर रहे हैं और विकेन्द्रीकृत टेक्नोलॉजी के ज्ञान को अपनी टीम के द्वारा लोगों के मध्य सफलतापूर्वक रख रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि ऐसे विराट आयोजनों की पूरी व्यवस्था हर्षित जुनेजा और उनके साथी समय-समय पर अपने ही आर्थिक योगदान से करते रहते हैं तथा किसी से भी आर्थिक सहयोग की अपेक्षा नहीं रखते। हर्षित ने बताया कि इमो कम्युनिटी जिस उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ रही है वह उससे पीछे हटने वाली नहीं है। उनका कहना है कि वे निःस्वार्थ रूप से इस दिशा में कार्यरत हैं तथा लोगों को इसके बारे में बताकर उन्हें इमो कम्युनिटी का हिस्सा बनाना चाहते हैं जिससे कि इमो कम्युनिटी एक विशाल रूप धारण कर सके तथा इससे जुड़ने वाला प्रत्येक युवा व अन्य कोई व्यक्ति इससे प्रेरित होकर आत्मनिर्भर हो सके तथा आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सके। इसी में हमें आर्थिक रूप से स्वतंत्र भारत के दर्शन होते हैं।
हर्षित ने बताया कि इमो कम्युनिटी इस भयंकर लू के समाप्त होने तक ऐसे सामुदायिक कार्यों में सक्रिय रहेंगे तथा अधिक से अधिक लोगों की सेवा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि न सिर्फ लू जैसी प्राकृतिक आपदा में अपितु जब भी समाज को जरूरत होगी इमो कम्युनिटी के सदस्य सेवा कार्य करने वालों की पंक्ति में सबसे आगे खड़े मिलेंगे। हर्षित, शुभम, आकाश, सरबजीत जैसे उत्साही युवा नई दिशा और नई तकनीक का इस दुनिया में परचम लहरा रही हैं … ये युवा किसी भी स्थिति में अपने समाज और देश के सहयोग और सहायता के लिए तत्पर हैं और युवाओं के लिए उदाहरण हैं।
This article includes sponsored content. The views expressed are those of the sponsor and do not necessarily reflect the official policy or position of our publication.